दुर्लभ मृदा, बेरोजगारी और जोखिम उठाने की प्रवृत्ति पर ध्यान केन्द्रित
1. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता:
- विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच वार्ता मंगलवार तक जारी रहेगी।
- इस बात को लेकर आशा बढ़ रही है कि इन वार्ताओं से कटु टैरिफ युद्ध में कमी आएगी।
- राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि वार्ता “अच्छी चल रही है” और उन्हें “केवल अच्छी रिपोर्टें” मिल रही हैं।
- अब ध्यान चीन द्वारा दुर्लभ मृदा धातुओं पर लगाए गए प्रतिबंधों तथा अमेरिका द्वारा चिप निर्यात पर लगाई गई सीमाओं पर है।
2. ब्रिटेन में बेरोजगारी बढ़ी:
- अप्रैल में ब्रिटेन की बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6% हो गई, जो जुलाई 2021 के बाद सबसे अधिक है।
- बोनस को छोड़कर वेतन वृद्धि वार्षिक आधार पर 5.2% तक धीमी हो गई, जो पूर्वानुमान से कम है।
- बैंक ऑफ इंग्लैंड ने हाल ही में कमजोर वैश्विक विकास का हवाला देते हुए ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 4.25% कर दिया।
3. बाजार प्रतिक्रिया और वस्तुएं:
- व्यापार में आशावाद के कारण जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार हुआ, तथा सोने जैसे सुरक्षित निवेशों की मांग कमजोर हुई।
- बुधवार को आने वाले प्रमुख अमेरिकी मुद्रास्फीति आंकड़ों से पहले सोने की कीमतों में गिरावट आई।
- तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जिसे चल रही अमेरिका-चीन वार्ता और रुकी हुई अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता से समर्थन मिला।
- दोनों प्रमुख तेल अनुबंध पिछले सप्ताह की 4% की वृद्धि के आधार पर लगातार पांचवें सत्र में बढ़त की राह पर थे।
🏁 निष्कर्ष:
अमेरिका-चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता वैश्विक बाजारों में आशावाद का संचार कर रही है, जोखिम उठाने की इच्छा को बढ़ा रही है जबकि सुरक्षित ठिकानों पर दबाव बना रही है। हालांकि, व्यापक आर्थिक संकेत, जैसे कि ब्रिटेन में बढ़ती बेरोजगारी और मुद्रास्फीति की अनिश्चितता, बताते हैं कि चुनौतियां बनी हुई हैं। बाजार सावधानी से तनाव कम होने और वैश्विक व्यापार प्रवाह में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।